यहां है सकट माता का मंदिर, गणेश चतुर्थी पर भी होती है विशेष पूजा
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले मे चौथ का बरवाड़ा गांव में स्थित चौथ माता का देवी का स्थान है। इसी के नाम पर इस गांव का नाम ही बरवाड़ा से बदल कर चौथ का बरवाड़ा हो गया है। ये चौथ माता का सबसे प्राचीन सबसे अधिक ख्याति प्राप्त मंदिर माना जाता है।परंतु बरवाड़ा चौथ माता मंदिर के अलावा मंदिर परिसर में भगवान गणेश और भैरव की मूर्तियों से सज्जित भव्य चौथ का बरवाड़ा मंदिर भी है। इसीलिए चौथ के दिन यहां गणेश जी की विशेष पूजा होती है। इनमें भी संकष्ठी चतुर्थी व्रत की बहुत महिमा सबसे अधिक मानी जाती है। इस व्रत को वक्रतुंडी चतुर्थी, माघी चौथ आैर तिलकुटा चौथ व्रत के नाम से भी संबोधित किया जाता है। हिंदु पचांग के अनुसार ये व्रत माघ माह की चतुर्थी को आता है। सकट चौथ का व्रत संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है। राजस्थान में इसी तिलकुटा चौथ के दिन चौथ का बरवाड़ा में विशाल मेला भी लगता है।
यहा पर आती है भक्तों की भीड़
सवाईमाधोपुर जिला मे चौथ माता हिन्दू धर्म की प्रमुख देवी मानी जाती है, जिनके बारे में विश्वास है कि वे स्वयं माता पार्वती का एक रूप हैं। यहां हर महीने की चतुर्थी पर लाखों दर्शनार्थी माता जी के दर्शन हेतु आते हैं। चौथ का बरवाड़ा मंदिर शहर में हर चतुर्थी को स्त्रियां माता जी के मंदिर में दर्शन करने के बाद व्रत खोलती है एवं सदा सुहागन रहने आशीष प्राप्त करती है। सकट चौथ के अतिरिक्त करवा चौथ आैर माही चौथ पर भी यहां लाखों की तादाद में दर्शनार्थी पहुंचते हैं।
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