यहा स्नानकरने से मिट जाते हैं चर्म रोग: कमलेश्वरमहादेव इंदरगढ़ में तीन कुंड बने हुए हैं। इनमे से दो कुंड में नहाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई तथा एक अन्य कुंड चाकन नदी के रास्ते में बना है। लोगों की मान्यता है कि इन तीनों कुंडों में स्नान करने से लोगों के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
चतुर्दशी एवं अमावस्या को रहती है भीड़:
वैसेतो यहां पर रोजाना श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है, लेकिन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी एवं अमावस्या को यहां काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसी बीच यदि कभी सोमवती चतुर्दशी या अमावस्या जाती है, तो कुंड में नहाने के लिए श्रद्धालुओं को पैर रखने की जगह भी नहीं मिल पाती है।
दर्शन लिए घंटों करना पड़ता है इंतजार:
इस मंदिर में चतुर्दशी एवं अमावस्या को इतनी भीड़ रहती है कि लोगों को शिवलिंग के दर्शन करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। कमलेश्वर महादेव का गर्भगृह छोटा होने से मंदिर में कम ही श्रद्धालु एक साथ प्रवेश कर सकते हैं, जिसकी वजह से यहां श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है।
The temple of Kamleshwar Mahadev Mandir Indergarh Bundi Rajasthan has been built on a platform 40 ft. high from the ground. To reach the temple, there is a stair – case built with the platform. On this platform, the platform has been built with stones of shapes, put one on the other in a way that the entire edifice was built.
Inside the Kamleshwar Mahadev Indergarh Rajasthan temple and under the shikhar there are eight shikhar bracket-like projections which also have statues encarved on them. The pyramid like shape of the shikhar becomes roundish upward and atop is a pinnacle. Outside the temple there are many Gongs hanging.
Tags:- Kamleshwar Mahadev Indergarh Bundi Rajasthan
चतुर्दशी एवं अमावस्या को रहती है भीड़:
वैसेतो यहां पर रोजाना श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है, लेकिन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी एवं अमावस्या को यहां काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसी बीच यदि कभी सोमवती चतुर्दशी या अमावस्या जाती है, तो कुंड में नहाने के लिए श्रद्धालुओं को पैर रखने की जगह भी नहीं मिल पाती है।
Related Post:-
इस मंदिर में चतुर्दशी एवं अमावस्या को इतनी भीड़ रहती है कि लोगों को शिवलिंग के दर्शन करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। कमलेश्वर महादेव का गर्भगृह छोटा होने से मंदिर में कम ही श्रद्धालु एक साथ प्रवेश कर सकते हैं, जिसकी वजह से यहां श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है।
Kamleshwar Mahadev Indergarh Rajasthan |
Kamleshwar Mahadev Indergarh Bundi
यह सवाईमाधोपुर एवं बूंदी जिले की सीमा पर स्थित कमलेश्वर महादेव का मंदिर प्राचीन इतिहास का गवाह रहा है। यह मंदिर मध्यकालीन युग का तीर्थ स्थल है। नगर शैली के ऊंचे शिखर वाले इस मंदिर का निर्माण हम्मीर के पिता जैत्रसिंह ने वि.सं. 1345 में चाखन नदी के तट पर करवाया था। यह मंदिर इंदरगढ़ सुमेरगंजमंडी से 12 किमी दूर हे ओर सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर है। इसे मिनी खजुराहो भी कहा जाता है। यहां अभी दो मंदिर शेष है, जिसमें एक तो पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया है, जिसे खंडदेवरा के नाम से जाना जाता है। दूसरा मुख्य शिवमंदिर देखने योग्य है। यहां पर पत्थरों को तराशकर विभिन्न मुद्राओं में योग, आसन एवं संगीत कला को विभिन्न मूर्तियों के रुप में दिखाया गया है। आसपास विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां विराजमान है। इसके पास ही रणथंभौर बाघ परियोजना के पर्यटन क्षेत्र के जोन 9 का प्रवेश द्वार है।Kuwanji |
The temple of Kamleshwar Mahadev Mandir Indergarh Bundi Rajasthan has been built on a platform 40 ft. high from the ground. To reach the temple, there is a stair – case built with the platform. On this platform, the platform has been built with stones of shapes, put one on the other in a way that the entire edifice was built.
Inside the Kamleshwar Mahadev Indergarh Rajasthan temple and under the shikhar there are eight shikhar bracket-like projections which also have statues encarved on them. The pyramid like shape of the shikhar becomes roundish upward and atop is a pinnacle. Outside the temple there are many Gongs hanging.
Tags:- Kamleshwar Mahadev Indergarh Bundi Rajasthan
0 Comments